कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान https://shiv-chalisa-lyrics-in-hi18022.wikienlightenment.com/7177184/not_known_details_about_shiv_chalisa_lyrics_in_english_with_meaning